आगामी विधानसभा सत्र में दिखेगी ई-विधानसभा की झलक:- मुख्यमंत्री
- Editor
- July 22, 2022 7:22 am
नेशनल ई–विधान एप्लीकेशन (नीवा) की दो दिवसीय कार्यशाला का मुख्यमंत्री ने किया शुभारंभ, विधायकों के सामने नजर आएगी टैबलेट स्क्रीनः
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि आगामी विधानसभा सत्र में ई-विधानसभा की झलक देखने को मिलेगी। विधानसभा में विधायकों के सामने टैबलेट की स्क्रीन नजर आएगी। इसे अपनाने में शुरूआत में झिझक जरुर होगी लेकिन धीरे-धीरे प्रयास करेंगे तो इसमें पारंगत होंगे। उन्होंने कहा कि ई-विधानसभा पर्यावरण के नाते से भी उपयोगी साबित होगी, यह व्यवस्था विधानसभा को पेपरलैस बनाएगी। इससे कागज की बचत होगी और पेड़ बचाए जा सकेंगे। मुख्यमंत्री पंचकूला में हरियाणा विधानसभा द्वारा नेशनल ई-विधान एप्लीकेशन (नीवा) को लेकर आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला के शुभारंभ अवसर पर बोल रहे थे।मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा को जल्द ही विधानसभा का नया भवन भी मिलेगा। इस पर सहमति बन गई है, कागजी प्रक्रिया को जल्द पूरा कर लिया जाएगा। नया भवन बनने के बाद हरियाणा विधानसभा का मौजूदा भवन भी रहेगा। विधानसभा के नए भवन की जरुरत महसूस की जा रही थी। भविष्य में विधायकों की संख्या बढ़ती है तो मौजूदा विधानसभा में सीटें बढ़ाने की भी जगह नहीं है। इसके चलते नई विधानसभा बनाने का फैसला लिया गया है।
मील का पत्थर साबित होगी ई–विधानसभा:- मुख्यमंत्री ने कहा कि ई-विधानसभा के लिए हरियाणा विधानसभा द्वारा बढ़ाया गया कदम मील का पत्थर साबित होगा। आज सारी दुनिया डिजिटलाइजेशन की ओर बढ़ रही है। आज कंप्यूटर के युग ने जीवन को सरल कर दिया है। सभी विभागों में कंप्यूटर से कार्य हो रहा है। हमें नई पीढ़ी के साथ चलना है तो कंप्यूटर का इस्तेमाल करना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज दुनियाभर के एप्लीकेशन हमारे फोन में हैं। इसी तरह हमें ई-विधान एप्लीकेशन (नीवा) को भी सीखना है।
परिवार पहचान पत्र को अपना रहे दूसरे राज्य:-मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हमारी सरकार ने कई जनकल्याणकारी योजनाओं व सुविधाओं को ऑनलाइन किया है। हरियाणा सरकार ने परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) को लागू किया। यह व्यवस्था देश-दुनिया में कहीं नहीं है। आधार बना रही यूआईडीएआई भी अब हरियाणा के परिवार पहचान पत्र की टीम से बैठक कर रही है। इसके साथ-साथ उत्तरप्रदेश ने भी परिवार पहचान पत्र बनाए जाने का ऐलान कर दिया है। पीपीपी से परिवार की क्षमता का पता चलता है और सरकार आयवर्ग को ध्यान में रखकर अंत्योदय के भाव से कार्य कर सकती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि डायरेक्ट बेनिफिट स्कीम (डीबीटी) के तहत पहले चैक से राशि दी जाती थी लेकिन अब आरटीजीएस के माध्यम से पैसे भेजे जाते हैं। सिस्टम को ऑनलाइन करने से गलत तरीके से लाभ लेने वालों की पहचान हुई। इससे सरकार ने 1200 करोड़ रुपये की बचत की है।
अब जमीनों के रिकॉर्ड को किया जाएगा डिजिटल:-मुख्यमंत्री ने कहा कि अब जमीनों के रिकॉर्ड को डिजिटल किया जाएगा। आज हालात ये हैं कि न्यायालय में सबसे अधिक मामले जमीनों से जुड़े चल रहे हैं। जमीने की धोखाधड़ी के केस सामने आते हैं। जमीनों के रिकॉर्ड को डिजिटल किया जाएगा, चाहे वह कोई भवन, खेती या अन्य जमीन हो। ऐसा करने से सभी को लाभ मिलेगा। जमीन का रिकॉर्ड डिजिटल तैयार होने से गड़बड़ी भी बंद होगी।